Tabla Visharad Pratham Syllabus in Hindi / English for Gandharva Mahavidyalaya Mandal

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खिल भारतीय गांधर्व मण्डल - तबला पखावज का  विशारद प्रथम हेतु पाठ्यक्रम तथा नोट्स

 

कक्षा – विशारद प्रथम

पूर्णांक-400 न्यूनतम-180 क्रियात्मक-250 (200 मौखिक + 50 मंच-प्रदर्शन) न्यूनतम - 128 लिखित- 150: न्यूनतम 52 (26+26)

पहला प्रशन पत्र

लिखित:

1) ठेका और ताल में अंतर बताते हुए, ताल, सम, खाली, ताली, खंड/विभाग के विषय में लिखिए |

2) तीन ताल तथा झप ताल के टुकड़ों को लिपिबद्ध कीजिये |

3) निम्न विषयों की परिभाषाएं लिखिये:

आमद, पेशकर, कायदा, रेला, चलन, गत-परन, मुखड़ा, मोहरा

4) समान मात्रा की तालों का तुलनात्मक अध्यन:

  1. दीपचंदी – झूमरा - आड़ा चौताल – धमार
  2. रूपक – तीवरा – पश्तो
  3. तीन ताल, तिलवाड़ा, अध्धा – पंजाबी

5) लय तथा लयकारी की परिभाषा समझाते हुए इनका संबंध बताइए |

6) भारतीय संगीत के वाद्यों के विषय में उल्लेख कीजिये |

द्वितीय प्रश्न पत्र

लिखित:

1) तबला की उत्पत्ति और समय के साथ इसकी प्रगति का संक्षिप्त अध्ययन।

2) तबले में प्रयुक्त विभिन्न घरानों/बाजों की विशेषताएँ एवं तुलना।

3) किसी एक बाज और तबले के घराने का उनकी विशिष्ट वादन शैलियों के साथ विस्तृत ज्ञान:

तबला: दिल्ली, लखनऊ और पंजाब

4) तबला एकल वादन में पेशकार, कायदा, रेला और गत का महत्व और स्थान।

5) निम्नलिखित में से प्रत्येक ताल में दो दमदार और दो बेदम तिहाई को लिपिबद्ध करें:

तबला: तीनताल, झपताल, आड़ा चौताल

6) तबले में बायां बजाने में संतुलन बनाने के लिए रियाज़ की प्रक्रिया

7) निम्नलिखित संगीतकारों की आत्मकथा एवं संगीत में योगदान:

क) उ. सलारी खान,

ख) उ. मुनीर खान,

ग) पं. कंठे महाराज,

घ) उ. गामे खान,

ड) उ. करामात्तुल्लाह खान,

च) उ. इनाम अली खान,

 

क्रियात्मक:

1. तबला ट्यूनिंग का व्यावहारिक ज्ञान और हारमोनियम पर विभिन्न नोट्स (स्वर) से मध्यम और पंचम स्वर को पहचानने में दक्षता।
2. हाथ से ठाह, दुगुन, तिगुन और चौगुन में रूपक, सुलताल, एकताल, चौताल, तीनताल और झपताल सुनाने में सक्षम होना।
3. तीनताल में प्रदर्शन:
तिट के कायदा - एक तिश्र जाति और चतुश्र जाति में चार पलटा और तिहाई के साथ
तिटकिट के दो कायदे - चार पलटा और तिहाई के साथ।
चार पलटा और तिहाई के साथ धिन तिरकिट तक का रेला।
चार पलटा और तिहाई के साथ धिरधिर बोल की रेला।
न्यूनतम पांच बंदिशें (गत ​​टुकड़ा)
दो दमदार और बेदम तिहाई।

4. निम्नलिखित बोलों को बजाने की क्षमता।

धाS तिटकिट तक तिटकिट, धाती, धागे तिट, धिरधिर, धागेना, गदीगन, धुमकिट, धिटधिट धागेतिट, धिटगिना।

5. केहरवा एवं दादरा ताल में मधुर एवं कलात्मक लागियां।

6. झपताल और सावरी ताल (15 मात्रा) में दो कायदे - एक तिश्र में और एक चतुश्र जाति पलटो के साथ, एक रेला, दो दमदार तिहाई और चार टुकड़े।

7. मंच प्रदर्शन - मंच प्रदर्शन (बहुत महत्वपूर्ण)

 

नोट:

  • सभी छात्रों को प्रैक्टिकल परीक्षा के लिए 50 मिनट का समय दिया जाएगा
  • सभी विद्यार्थियों को लहरा/नगमा के साथ प्रदर्शन करना होगा
  • स्टेज परफॉर्मेंस अलग से किया जाएगा और समय 30 मिनट होगा

Performances Tabla Visharad Pratham Syllabus in Hindi / English Gandharva Mahavidyalaya Mandal is suggested on this page with written notes.

 

Class: Visharad Pratham

Maximum-400 Passing-180 Practical-250 (200 Oral + 50 Stage Performance), minimum 128 Theory- 150, minimum 52 (26+26)

First Question Paper

Theory:

1) Difference between Taal and Theka, give a detailed definition of taal, Knowledge of Sam, Khali, taali, Khand/Vibhag.

2) Knowledge of writing notations of tukdas in ekgun & dugun of Teentaal and Jhaptaal.

3) Write definitions with examples for the following topics:

Aamad, Peshkar, Kayda, Rela, Chalan, Gat-Paran, Mukhda, Mohra

4) Comparative knowledge of taal cycles of the same number of beats.

  1. Deepchandi – Jhoomra - Ada Chautaal – Dhamar
  2. Rupak – Tiwra – Pashto
  3. Teentaal, Tilwada, Addha – Punjabi

5) Explanation and knowledge of laya and layakari and their relation.

6) Principle of the classification of Indian instruments and knowledge.

 

Second Question Paper:

Theory:

1) Brief study of the origination of Tabla or Pakhawaj and its progression with time.

2) Characteristics and Comparison of various Gharana/Baaj used in Tabla.

3) Detailed knowledge of any one Baaj and Gharana of Tabla with their distinctive playing styles:

Tabla: Delhi, Lucknow and Punjab

4)  Importance and position of Peshkar, Kayda, Rela, and Gat in tabla solo.

5) Write notations of two dumdar and two bedum tihai in each taal from the following:

Tabla: Teentaal, Jhaptaal, Ada Chautaal

6) Procedure of riyaz to make balance in playing Bayan in tabla

7) Autobiography and contribution in music of the following musicians:

a) U. Salaari khan,

b) U. Munir khan,

c) Pt. Kanthe Maharaj,

d) U. Ghame Khan,

e) U. Karamattullah khan,

f) U. Inaam Ali khan,

 

Practical:

  1. Practical Knowledge of tuning tabla and proficiency in recognizing Madhyam and Pancham swara from various notes (swara) on the harmonium.
  2. To be able to recite Rupak, Sultaal, Ektaal, Chautaal, Teentaal and Jhaptaal in thaah, dugun, tigun and chaugun by hand.
  3.  Tabla: Perfomance in Tritaal as follows:
  1. Kayda of Tit – one in tishra jaati and chatshra jaati with four palta and tihai
  2. Two kayda of Titkit – with four paltas and tihai.
  3. Rela of Dhin (din) tirakitataka with four paltas and tihai.
  4. Rela of DhirDhir bol with four paltas and tihai.
  5. Minimum five bandishes (Gat Tukda)
  6. Two dumdar and bedum tihai.

 

  1. Ability to play following bols and phrases.

DhaS titkittak titkit, Dhati, Dhage tit, Dhirdhir, Dhingin, Gadigena, Dhumkit, Dhitdhit dhagetit, Dhettagina.

5. Melodious and artistic laggis in Keharwa and dadra taal cycles.

6. Two kaydas in Jhaptaal and Savari taal(15 beats) – one in tishra and one chatrashra jaati with paltas, one rela, two dumdar tihai and four tukdas.

7.  Manch Pradarshan – Stage Performance (Very Important)

 

Note:

  • All students will be provided 50 minutes for the practical exam
  • All students should perform with lehra/nagma
  • Stage Performance will be performed separately and time will be 30 minutes